दोस्तों, जैसा कि हमलोग जानते है कि आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।
बर्गर, पिज्जा और नूडल्स सहित अन्य फास्ट फूड का स्वाद, सेहत के लिए खतरा साबित हो रहा है। अग्रणी शोध संस्था सेंटर फॉर सांइस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की एक ताजा अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। रिपोर्ट के अनुसार बाजार में उपलब्ध लगभग सभी नामी कंपनियों के जंक फूड में नमक और वसा की मात्रा निर्धारित सीमा से खतरनाक स्तर तक ज्यादा पायी गयी है। सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने मंगलवार को ‘कोड रेड’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से बताया कि भारतीय बाजार में उपलब्ध अधिकतर पैकेट बंद खाना और फास्ट फूड में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मानकों से बहुत ज्यादा है। नारायण ने संवाददाताओं को बताया कि एफएसएसएआई ने फास्ट फूड कंपनियों को इन उत्पादों में इस्तेमाल किये गये खाद्य पदार्थों का मात्रा पैकेट पर दर्शाने के लिए इस साल जुलाई में दिशानिर्देश तैयार किये थे, लेकिन सरकार ने इन्हें अब तक अधिसूचित कर लागू नहीं किया है।
उन्होंने बताया शोध में चिप्स, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर और नमकीन सहित अन्य फास्ट फूड के सभी अग्रणी कंपनियों के 33 उत्पादों की प्रयोगशाला जांच में पाया गया कि इनमें नमक और वसा की मात्रा खतरनाक स्तर पर इस्तेमाल की जा रही है। सभी 33 लोकप्रिय जंकफूड में कोई भी उत्पाद निर्धारित मानकों के पालन की कसौटी पर खरा नहीं उतर सका। नारायण ने कहा कि सरकार ने 2013 में इस विषय पर फास्ट फूड कंपनियों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने के लिए एफएसएसएआई के विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में तीन समितियां गठित हो चुकी हैं लेकिन अब तक कोई ठोस कानूनी पहल नहीं हुयी। फास्ट फूड कंपनियों द्वारा निर्धारित मात्रा में इन तत्वों के इस्तेमाल से परहेज होने के कारण के सवाल पर नारायण ने कहा, ‘‘नमक, वसा और शर्करा सहित अन्य तत्वों की मात्रा निर्धारित मानकों का पालन स्वाद पर भारी पड़ता है, इसलिये कंपनियां स्वाद के साथ कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।
ऐसे में सरकार दुनिया की इन नामी कंपनियों के दबाव में कानून बनाकर एफएसएसएआई के मानकों का पालन करने के लिये (उन्हें) मजबूर करने से बच रही है।’’ उन्होंने कहा कि जंक फूड में नमक, शर्करा और वसा सहित अन्य तत्वों की निर्धारित मात्रा के मुताबिक इस्तेमाल की मात्रा का इन उत्पादों के पैकेट पर स्पष्ट उल्लेख करने के लिये कानूनी बाध्यता को तत्काल लागू करने की जरूरत है। नारायण ने कहा कि जनस्वास्थ्य पर कंपनियों का हित भारी नहीं पड़े, इसके लिये फास्ट फूड उत्पादों में नमक, शर्करा और वसा का निर्धारित मात्रा से अधिक इस्तेमाल होने पर तंबाकू उत्पादों की तर्ज पर स्पष्ट चेतावनी (रेड वार्निंग) पैकेट पर दर्ज करने को अनिवार्य बनाया जाये।
प्रस्तावना
जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है यानी टेस्टी होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।
वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।
इस आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। वर्तमान समय में लोगों के पास समय कम है और जल्दी के कारण ज्यादातर लोग फास्ट फूड पर ही निर्भर हो जा रहे हैं। फास्ट फूड एक ऐसा भोजन है, जो कि काफी जल्दी बन जाता है और इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है, जिसके कारण लोग इसके तरफ काफी ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इस भोजन के स्वादिष्ट होने के कारण लोग इसका सेवन करना काफी ज्यादा पसंद करते हैं, परंतु जंक फूड का भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिकारक सिद्ध हो सकता है। अतः जंक फूड जितने आकर्षक दिखते हैं उससे कई ज्यादा खतरनाक भी होते हैं।
जंक फ़ूड क्या होता है?
अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।
कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।
जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम
प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।
जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।
जंक फूड का अर्थ
जंक फूड एक ऐसा भोजन है, जिसमें सड़ी गली सब्जियों का उपयोग किया जाता है और उन्हें एक आकर्षक रूप दिया जाता है। इन्हीं सड़ी गली सब्जियों और अन्य स्वादिष्ट सामग्री (जैसे कि विनेगर, सॉस इत्यादि) को मिलाकर जो कुछ भी बनाया जाता है, उसे ही जंग फूड कहा जाता है। जंक फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है। जंक फूड को मानव स्वास्थ्य के लिए पहले से ही हानिकारक सिद्ध किया जा चुका है। यदि कोई व्यक्ति जंक फूड का प्रतिदिन सेवन करता है, तो वह बहुत जल्द ही बहुत ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। इन सभी गंभीर बीमारियों में कैंसर, ह्रदय रोग, अधिक आयु, अधिक रक्तचाप, हड्डियों की समस्या, डायबिटीज, पाचन तंत्र की समस्या, लीवर की समस्या, मानसिक रोग इत्यादि प्रमुख हैं।
जंग फूड के सेवन से स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव पड़ता है?
जंक फूड भोजन का नियमित रूप से सेवन करने से हमें बहुत सी बीमारियां हो सकती हैं, क्योंकि जंक फूड सड़ी गली सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है, जिसमें बहुत से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस मिले होते हैं। जंक फूड के सेवन से कई गंभीर समस्याओं के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है, जैसे कि टाइफाइड, कुपोषण, हाइपरटेंशन, मोटापा इत्यादि। जंक फूड एक ऐसा भोजन है जिस के उपयोग से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है, अर्थात जंक फूड में पोषक तत्व नाम मात्र के बराबर होते हैं।
जंक फूड भोजन में पोषक तत्वों की कमी
जंक फूड के निर्माण में ज्यादा तेल का उपयोग होता है और यह तेल पूर्णता शुद्ध नहीं होते हैं, इनमें कुछ अशुद्धियां भी मिली होती हैं। इतना ही नहीं जंक फूड भोजन में तेल की मात्रा अधिक होने के साथ-साथ पोषक तत्वों की मात्रा उतनी ही ज्यादा कम होती है। इसी कारण जंक फूड भोजन को पचाने में काफी ज्यादा दिक्कत आती। जंक फूड भोजन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी ज्यादा होती है, अतः जंक फूड भोजन में कोलेस्ट्रॉल होने के कारण यह हमारे स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। जंक फूड भोजन के कारण हमारे शरीर में काफी ज्यादा नुकसान होता है। इसके कारण पेट तो बढ़ता ही है, इसके साथ-साथ अन्य पाचन अंगों में भी काफी ज्यादा खींचा हो जाता है, जिसके कारण मानव में कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।
जंक फूड के दुष्परिणाम
जंक फूड का सेवन सदैव हमें पोषक तत्वों की कमी की ओर लेकर जाता है, अतः दिन प्रतिदिन हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होता जाता है।
जंक फूड का भोजन करने से पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज इत्यादि पोषक तत्व की पूर्ति नहीं हो पाती, अतः हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसा व्यक्ति जो सदैव ज्यादा से ज्यादा जंक फूड खाता है, उसके ऊपर वजन बढ़ने का खतरा बना ही रहता है।
जंक फूड भोजन में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो कि शरीर में खून में तेजी से शुगर के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे मनुष्य को डायबिटीज जाती है और वह आलसी बन जाते हैं।
इतना ही नहीं इन सभी के बाद भी जंग फूड हमारे शरीर में कब्ज एवं पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां, ह्रदय रोग, हार्ट अटैक इत्यादि जैसे गंभीर रोग पैदा कर देती हैं।
जंक फूड खाने से बचें
यदि आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते है, तो आपको जंक फूड का सेवन छोड़ देना। यदि आप जंक फूड का सेवन नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो आपको जंक फूड के सेवन को कम तो कर ही देना चाहिए अर्थात यदि आपको जंक फूड ज्यादा पसंद है, तो आप 1 हफ्ते में एक बार खा सकते हैं। यदि आपको पहले से ही कोई बीमारी हो चुकी है, तो आप अपने डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही जंक फूड का सेवन करें, अन्यथा नहीं। याद रहे आप जब भी जंक फूड का सेवन करना चाहे, तो आप इसे मार्केट से नाम मंगवाए आप इसे घर पर ही बनवाए, परंतु प्रतिदिन नहीं हफ्ते में एक बार या न बनवाएं।
निष्कर्ष
जंक फूड के सेवन से मनुष्य में अनेकों प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है, जैसे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, कब्ज इत्यादि। जंक फूड भोजन में पोषक तत्वों की काफी ज्यादा कमी होती है, जिसके कारण हमें काफी ज्यादा नुकसान होता है।
जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।
अंतिम शब्द
हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आप सभी लोगों को हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण निबंध “जंक फूड पर निबंध (Essay on Junk Food in Hindi)” अवश्य ही पसंद आया होगा, यदि हां! तो आप अपने मित्र जनों के साथ इसे अवश्य साझा करें, ताकि उन्हें भी जंक फूड के विषय में निबंध लिखना आ जाए। यदि इस लेख में कुछ ऐसा हो जो आप को न समझ में आया हो, तो आप कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।