बिहार में जमाबंदी क्या होता है यह एक सर दर्द बना गया है, इसको जानने के लिए लोग इधर-उधार बड़े बुजुर्गों के पास दौड़ते है लेकिन फिर भी ये संतुष्ठ जनक उत्तर नहि पाकर परेशान होते है।
क्योंकि ये जेनरेशन गैप होने के कारण बड़े बुजुर्गों दिया गया जानकारी आज के हिसाब से मिलता नहि है और मिलता भी है तो काफ़ी डिफ़्रेन्सेज़ होती है, इसलिए इस लेख में हम बात करेंगे की जमबंदी क्या होता है और कैसे ऑनलाइन देख सकते है।
बिहार में जमाबंदी क्या होता है?
बिहार में जमाबंदी वैसे ज़मीन के खाता और अकाउंट होल्डर को कहते है जिसके नाम से ज़मीन हो यानी टाइटल धारी हो मतलब वैसे ज़मीन मालिक जिसके नाम पर ज़मीन का सारे दस्तेवाज होते है।
इसको एक उधाहरण से समझे है, नीचे के बनसवाली देखिए इसमें मान लीजिए राम मानिक मेहता के नाम से कोई ज़मीन का खाता है जिसमें उधाहरण के लिए 12 (8,7,17,558,559,560,562,563,27,29,18,219) प्लॉट लिया हुआ है। और टोटल ज़मीन मान लीजिए कि 3 एकड़ है।
जोईनवाएंट खाता
उधाहरण 1: राम मानिक मेहता के 3 लड़के है मूँद्रिका मेहता, जयगोविंद मेहता और चंद्रिका मेहता है, तो इस केस में सभी भाइयों को हक़ सभी प्लॉट में होगा और ओ किसी भी प्लॉट के बेच सकते है, जैसे मान लिजीए सभी भाइयों के हिस्सा में 1 – 1 एकड़ ज़मीन आता है तो अपने हिस्से तक का ज़मीन कही का भी हो ओ सेल कर सकते है।
अभी मान लीजिए 3 भाइयों ने मौखिक रूप से 4-4 प्लॉट अपने अपने क़ब्ज़ा में रखे है और अभी उनमे सलूकत है लेकिन कुछ दिनो बाद किसी कारण को लेकर लड़ाई छिड़ गया तो मूँद्रिका में जिनके पास 8,7,17,558 प्लॉट है तो इस ज़मीन को ये दोनो याहा तक तिनो में से कोई भी भाई सेल कर सकते है।
इस केस में प्लॉट नम्बर 8 जिसका रक़बा 10 डिस्मिल है जो जयगोविंद मेहता ने किसी से सेल कर दिए, और मूँद्रिका में ने ग़ुस्सा में आकर जयगोविंद मेहता के क़ब्ज़े वाले ज़मीन जो 559,560,562,563 इसमें से 560 जो 15 डिस्मिल का है उसको सेल कर दिए अब ये एक लड़ाई का करना बनता जाएगा।
इसी तरह सभी के साथ सिलशिला चलाता और 3 भाईओ आपस में लड़ गये।
उधाहरण 2:
मान लीजिए 3 भाईओ आपस में मेल मिलाप रहा और कोई प्रॉब्लम नहि लेकिन जो इनके बच्चों में मेल – मिलाप भी रहा लेकिन कोई एक भी इसमें से पागल निकल गया तो फिर सभी को परेशान कर सकता है। जैसे की निचें दिए गये डाइयग्रैम से समझीए।
जोईनवाएंट खाता
जोईनवाएंट खाता होने के कारण सभी को सभी प्लॉट में हक़ है और ओ चाहे तो उसपर अपना क़ब्ज़ा या बिक्री कर सकता है। अपने हक़ तक यानी 1 एकड़ तक।
मान लीजिए राम-राज मेहता इसमें सनकी निकल गया और किसी को परेशान करना चाहा तो बहुत बड़े लेवल तक परेशान कर सकता है ऐसे हज़ारों लाखों केश कोर्ट में पडा हुआ है जो केवल भाइयों का है और ओ भी जोईनवाएंट खाता होने के वजह से।
बिहार में जमाबंदी को कैसे अलग कराया जाए।
जमाबंदी में जोईनवाएंट खाता को अलग करते है निछे के डाइयग्रैम से समझते है।
पहले एक खाता था खाता नम्बर – 15 जिसपर सभी का हक़ था, अब सभी भाईओ का अलग – अलग खाता हो गया अब किसी को कोई दूसरा प्लॉट में कोई हक़ नहि होगा अब उस खाता में जितने भी प्लॉट है उसमें उसके अलावा किसी और भई के कोई हक़ नहि होगा।
अब उनके बेटे के उसमें हो सकता है। जैसे: मूँद्रिका मेहता के 2 बेटे है राजेंद्र मेहता और नंदलाल मेहता तो उस खाता में केवल इन्ही दोनो का होगा लेकिन भविष्य में ये दोनो भी जमबंदी करा लेते है तो उनका नया खाता बनेगा और उसमें जो भी प्लॉट होगा उसमे केवल उनका और उनके लड़के का ही हक़ होगा।
जमाबंदी का सीधा सा मतलब समझिए तो जोवाएंट खाता को अलग करना होता है जिससे लड़ाई – झगड़ा से बचने के सबसे बेहतर उपाय है।
इसलिए जमाबंदी बहुत ही महत्वपूर्ण है इससे बहुत सारे लाभ होंगे जैसे:
- लड़ाई से बचिएगा
- लोन या कोई भी सरकारी बेनेफ़िट्स आपको तभी मिलेंगे जब ज़मीन आपके नाम से है।
- आपको बिक्री करने में कोई प्रॉब्लम नहि होगा, जैसे: बनसवाली की ज़रूरत नहि होगा एत्यादि।
बिहार में जमाबंदी पंजी कैसे देखें ऑनलाइन | Bihar Me Jamabandi Panji Kaise Dekhe Online
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