दोस्तों, जैसे कि हम जानते है कि भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को को हुआ है उसके बाद 9 दिसम्बर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की जिसे 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन में बना कर तैयार किया गया। इसी दिन भारतीय कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में पूर्ण स्वराज को भी घोषित कर दिया गया था और उस दिन से 26 जनवरी गणंतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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15 अगस्त क्यों मनाया जाता है
वैसे तो हमारे भारत देश में बहुत सारे पर्व है लेकिन गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व होने के कारण बड़ी धूम – धाम से मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है|
दोस्तों, पहले हमारे जितने भी नेता थे बहुत ही ईमानदार थे, आज के नेताओ के तरह अपने बारे में सोचने वाले नहि थे इसलिए हमारे पूजनिये प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने जिन्होंने कहा था, ”हमारे महान और विशाल देश के अधिकार को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है, जो देश में रहने वाले सभी पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।
ज़रा सोचिए संविधान बनाने वाले नेताओ आज के नेताओ के सोच के जैसे होते तो क्या होता लेकिन संविधान बनाने वाले बहुत हि ईमानदार थे जो ऐसा संविधान बनाए है कि कोई भी व्यक्ति के मूल अधिकार को छेड़ नहि सकता।
आज का दिन सबसे बेहतर दिन है, जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये, इस और एक अच्छा इंसान बनाने के लिए सोचना और उसी पथ पर चलना चाहिये।
जैसा कि हमलोग जानते है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आजाद हुआ है, लेकिन हमारे देशवाशियों को सभी मुलाधिकार, फ्री जीवन-जीने, रोजगार और सुरक्षा अधिकार देने वाल कानून 26 जनवरी 1950 को लागू किया था, जिसने असलियत में आज के भारत को जन्म दिया था, जिसे हम संविधान कहते है।
पूरे भारत में 26 जनवरी को लोग देश का गणतंत्र दिवस मनाते हैं। और हम अपने क़ुर्बान हुआ साहिदो को याद करते है इस दिन आधिकारिक रूप से अवकाश होता है। यह याद करने का दिन है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे देश एक स्वतंत्र गणराज्य बना।
26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत 2022 में अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस पर हमारे देश का राष्ट्रपति भाषण देता है, उनके द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता है।
26 जनवरी 1950 से यह लगातार हर साल उत्साह से मनाया जाता रहा है। इससे पहले लंबे समय तक देश पर अंग्रेजों का राज था। बरसों तक गुलामी भोगने के बाद आखिर 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हो पाया। इसके लगभग तीन साल बाद इसे पूर्ण रूप से गणतांत्रिक देश का भी दर्जा प्राप्त हो गया। और पूरे दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बना, अब देश में हमारा कानून है जो चलता है। इससे पहले अंग्रेजों का कानून चलता था।
भारतीय संविधान को देश की संसद ने 2 साल 11 महीने और 18 दिन पूरे होने के बाद इस दिन पास किया था। इसके बाद भारत स्वं को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के तौर पर घोषित कर दिया। यह दिन हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का महापर्व है। हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश का नागरिक होने का गौरव प्राप्त है।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस का इतिहास
जैसा कि हम जानते है भारत की आजादी के बाद 9 दिसम्बर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की जिसे 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन में बना कर तैयार किया गया। इसी दिन भारतीय कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में पूर्ण स्वराज को भी घोषित कर दिया गया था और उसी दिन से 26 जनवरी के दिन को गणंतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। जिनका कार्य संविधान का निर्माण करना व संविधान बनाना था। सविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गयी जिसमे 308 सदस्यों ने भाग लिया इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि थे। इनके अलावा संविधान सभा बैठक में जनता अथवा प्रेस को भी शामिल किया गया था। भारतीय संविधान को बनने में कुल 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान पुरे देश में लागू किया गया। 26 जनवरी की महत्व बनाये रखने के लिए व भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता देने के लिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1950 को देश में कानून और भारतीय शासन को लागू कर दिया गया।
Republic Day गणतंत्र दिवस कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस को पुरे भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा समारोह में ध्वजारोहण किया जाता है और तोपों की सलामी के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह में मौजूद सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से खड़े हो कर राष्ट्रगान गाया जाता है। Republic Day के दिन अलग-अलग रेजिमेंट, भारतीय तीनों सेनाएं ( जल, थल, नभ ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते है और राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रपति को सलामी देते हैं.
उपसंहार
इस दिन स्कूल/कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों में भी ध्वजारोहण किया जाता है। विद्यार्थियों द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में स्कूलों में झांकियां निकाल कर नारे लगाए जाते है। छात्र विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे- भाषण, नित्य, चित्र कला, देशभक्ति गीत, नाटक आदि का प्रदर्शन करते हैं। 26 जनवरी के दिन देश के शहीदों को और उनके बलिदान को याद किया जाता है तथा सभी शहीदों के स्मरण में मौन रखा जाता है.
26 जनवरी 2022 अपडेट
भारत में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) में हर साल मुख्य अतिथियों को बुलाया जाता है इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर अनाउन्स होना बाक़ी है।
प्रस्तावना :- 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है यह राष्ट्रीय त्यौहार सभी भारतियों के द्वारा बेहद खुशी तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व लोकतंत्रात्मक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है,इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन पुरे देश में सभी स्कूलों में कॉलेजों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
26 जनवरी की परेड
गणतंत्र दिवस के मोके पर हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है, इस कार्यक्रम में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं, गणतंत्र दिवस के इस खास मौक़े पर हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर होने वाली इस परेड और कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं। 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाएँ विजय चौक से परेड शुरू कर राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए राजपथ से होकर निकलती है। यह परेड आर्मी बैंड की मधुर धुनों पर कदम ताल करते हुए लोगों को सम्मोहित कर देते हैं। इसके बाद अनेक राज्यों की एवं सरकारी विभागों की झांकियां निकाली जाती हैं।
राष्ट्रीय उत्सव गणतंत्र दिवस
उपसंहार – संस्कृति की झलक
“विविधता में एकता” से भरा यह राष्ट्रीय पर्व और खास हो जाता है जब राजपथ पर अलग अलग राज्य अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को झाँकियों के माध्यम से प्रदर्शित करते है। इसी के साथ लोक नर्तक मंडलियों में लोक नृत्यों के साथ आपने अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी मंडलियां अपनी वेशभूषा के साथ अपनी कला से सभी का मन मोह लेते हैं, इसी तरह गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों के साथ अनेक कार्यक्रम होते हैं तत्पश्चात कार्यक्रम के अंत में वायु सेना के जहाज रंगीन गैस छोड़ते हुए विजय चौक के ऊपर से गुजरते हैं जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह् प्रदर्शित करता है।
अगर आप भाषण की तैयारी करना चाह रहे है तो नीचे दिए कांटेंट से मदद ले सकते है।
मेरे प्यारे देश वशीयो/ भाईओ / बहनो-माताओं / फ़्रेंड / दोस्त आप सभी को मेरी तरफ़ से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।
मेरा नाम ____है। मैं ____कक्षा …..का छात्र / शिक्षक हूँ। हम सब जानते हैं हम सब आज यहाँ एक बहुत विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं। आज के दिन हम सभी भारत वशीयो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और इसे हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस के नाम से जानते हैं।
मैं आज के इस पावन अवसर पर आप सभी लोगों के समक्ष भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ बहुत महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता हूँ। सबसे पहलें मैं, यहाँ मौजुद आप सभी लोगों का दिल से शुक्रिया करना चाहता हूँ कि मुझे आप लोगों ने इस अद्भुत अवसर पर ये मौका दिया कि मैं यहां आप सबके सामने खडे होकर इस अवसर के बारे में और अपने प्यारे देश के इतने महत्वपूर्ण विषय में कुछ शब्द बोल सकूं।
गणतंत्र दिवस भारत का तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। स्वतंत्रता सभी को अच्छी लगती है क्योंकि पराधीनता का जीवन अपमान और शोषण से भरा होता है, पराधीनो का ना कोई अपना फ़ैसला होता है और न ही कोई जीवन होता है।
जैसे कि हमें अपने इतिहासों के अनुसार हमारा देश आपसी फूट, कलह तथा एकता के अभाव में सैकड़ों वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 26 जनवरी का दिन महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर देश के राजनैतिक नेताओं तथा देश-भक्तों ने अखिल भारतीय कांग्रेस के सन 1929 के लाहौर अधिवेशन में यह प्रतिज्ञा की थी कि जब तक हम पूर्ण स्वराज प्राप्त नहीं कर लेंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे और लगातार मेहनत करते रहेंगे। इस अधिवेशन के बाद 26 जनवरी, 1930 को सारे देश में विभिन्न स्थानों पर सभाएँ हुई तथा पुर्ण स्वराज की माँग दोहराई गई। तब से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को यह माँग दोहराई जाती रही तथा गोरी सरकार का दमन चक्र चलता रहा।
हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतवर्ष में स्वराज के लिए कई वर्षों तक संघर्ष किया | यहाँ तक की अपने प्राणों की आहुति देने में उन्होंने कोई कोताही नहीं बरती, ताकि आने वाली पीढ़ी एक खुले और आज़ाद वातावरण में चैन की साँस ले सके | लेकिन आज भी हमारा देश कुछ ऐसी मानसिकताओं में जकड़ा हुआ है, जिससे बाहर निकलना होगा जैसे हिंसा, महिलाओं के प्रति अत्याचार, भ्रष्टाचार इत्यादि | इन सभी बुराइयों को हमें बाहर निकाल फेंकना है। ऐसा प्रण हमें मिलकर लेना होगा तभी हम सच्चे मायने में आजाद कहलायेंगे।
15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया तथा भारत को पूर्ण प्रभुता संपन्न गणतंत्र बनाने के लिए संविधान के निर्माण में ढाई वर्ष लगे |लाहौर अधिवेशन की याद में भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया| डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई तथा पं॰ जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रथा प्रधानमंत्री बने।
गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारत के कोने– कोने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी इसे विशेष धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन बलिदानों की पावन स्मृति लेकर हमारे सामने उपस्थित होता है। कितने सपूतों ने देश की बलिवेदी पर अपने प्राणों का बलिदान कर दिया कितनी बहनों ने अपने भाइयों का बलिदान किया ;कितनी स्त्रियों ने अपना सुहाग न्योछावर कर दिया तथा न जाने कितनी माताओं ने अपनी गोदी की शोभा को कुर्बान कर दिया, तब जाकर हमें इस स्वर्णिम दिन के दर्शन हुए|इस दिन हम सब उन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित देते हैं।
गणतंत्र दिवस समस्त देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। परंतु देश की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा अद्भुत एवं भव्य होती है। देश के कोने– कोने से लोग लाखों की संख्या में प्रति वर्ष इसे देखने के लिए यहाँ एकत्रित होते हैं। प्रातः काल नौ बजे भारत के राष्ट्रपति इंडिया गेट पर चौदह घोड़ों की बग्घी में बैठकर आते हैं जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। ध्वजारोहण के बाद जल, थल और वायु- सेना की टुकडियां राष्ट्रपति को सलाम देती हैं। 31 तोपें दागी जाती हैं। बैंडों की धुन पर मार्च करते हुए सैनिक एवं पुलिस के जवानों की शोभा देखते बनती है। टैंक, शस्त्रास्त्र तथा अन्य साज-सामान भी परेड में निकाले जाते हैं। विभिन्न राज्यों के लोक –नर्तक तथा स्कूली बच्चे भी अपनी रंग– बिरंगी वेश- भूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए निकलते हैं| विभिन्न राज्यों की प्रगति प्रदर्शित करती आकर्षक झाकियां भी निकलती हैं| अंत में विमानों की उड़ान होती है| ये विमान अपने करतब दिखाते हुए उड़ते हैं| इसी प्रकार के विभिन्न कार्यक्रम राज्यों की राजधानियों में भी होते हैं जहाँ राज्यों के राज्यपाल सलामी लेते हैं।
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में हिंदी कवि– सम्मेलन और मुशायरा आदि भी आयोजित किया जाता है| इस पवित्र अवसर पर राष्ट्रपति देश के विशिष्ट पदाधिकारियों, सैनिकों, कवियों, लेखकों, खिलाड़ियों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विभिन्न पदक प्रदान करके उन्हें सम्मानित करते हैं|
26 जनवरी का पर्व अपने में भारतीय आत्माओं के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है जो भारतीय जन- मानस को प्रेरित करती रहेगी कि उन्हें देश की स्वतंत्रता एवं एकता के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए| आज की परिस्थितियों में प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि आपसी भेदभाव एवं वैमनस्य को भुलाकर देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखें तथा देश के सम्मान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ खुशी– खुशी त्याग करने के लिए तैयार रहें| और नीचे लिखी पंक्तियों को सदा याद रखें|
हम उन महावीरों के बच्चे हैं, जो अपनी धुन के पक्के सच्चे थे, हम उनका मान बढ़ाएंगे, हम जग में नाम कमाएंगे। हमें रोको मत, आगे बढ़ने दो,आज़ादी के दीवाने हैं, हम मातृभूमि की सेवा में,अपना सर्वस्व लगाएंगे।
मैं एक बार फिर आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ| और कामना करता हूँ कि आप सभी का भविष्य आनन्ददायक एवं सुखद हो। जय हिन्द! धन्यवाद!
गणतंत्र दिवस 2022 सम्बन्धित प्रश्न उत्तर गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है ? गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 के मुख्य अतिथि कौन हैं ? 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि ………….. हैं। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में विद्यालयों में कौन-कौन से कार्यक्रम करवाए जाते हैं। 26 जनवरी के दिन स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता जिसमे स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें बनाई जाती हैं, निबंध, चित्रलेखा, नाटक, रंगोली आदि प्रतियोगिताएं होती हैं जिनमे बहुत से छात्र भाग लेते हैं। Republic Day क्यों मनाया जाता है ? क्योकि 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान को बना कर लागू कर दिया गया था। भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा ? भारतीय संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा। भारतीय संविधान किसके द्वारा लिखा गया है ? भारत के संविधान संविधान प्रारूप समिति द्वारा लिखा गया है। सविधान सभा बैठक के मुख्य सदस्य कौन-कौन थे ? डॉ भीमराव अंबेडकर, पंडित जवहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि मुख्य सदस्य थे। किस देश के प्रधान मंत्री ने अपनी भारत यात्रा को रद्द किया ? ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने गणतंत्र दिवस की परेड में कौन-कौन सी सेनाएं भाग लेती हैं परेड में तीनों सेनाएं ( जल, थल, नभ ) भाग लेती हैं। 2022 में भारत का कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा ? इस वर्ष 26 जनवरी 2022 को भारत का 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।