Independence Day India 2021 | 15 अगस्त 1947 का इतिहास | स्वतंत्रता दिवस का अर्थ
इस 15 अगस्त को भारत मनाएगा 75वां स्वतंत्रता दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व देश इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी. और यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.
भारत में हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है. इस दिन भारत को 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. देश इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) की 75वीं वर्षगांठ (75th Independence Day) मनाने जा रहा है.
15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी. और यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. 15 अगस्त 2021 रविवार को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे. हर साल लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के द्वारा देश को संबोधित किया जाता है.
भारत के स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021 History) का इतिहास
यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना आरम्भ कर दिया था. अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 18वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था.
1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रितानी ताज (ब्रिटिश क्राउन) अर्थात ब्रिटेन की राजशाही का हो गया. दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) निर्माण हुआ.
1930 के दशक के दौरान ब्रितानी कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहे; परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. अगला दशक काफी राजनीतिक उथल पुथल वाला रहा: द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता, कांग्रेस द्वारा असहयोग का अन्तिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय. 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ता गया. इस उपमहाद्वीप के आनन्दोत्सव का अंत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ.
भारत में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021 significance) का महत्व
भारत में पतंग उड़ाने का खेल भीस्वतंत्रता दिवस का प्रतीक है, अनगिनत विभिन्न आकार, प्रकार और स्टाईल के पतंगों से भारतीय आकाश पट जाता है. इनमें से कुछ तिरंगे के तीन रंगो में भी होते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करते हैं. स्वतंत्रता दिवस का दूसरा प्रतीक नई दिल्ली का लाल किला है जहां 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था.
वैसे तो भारत में अधिकतर त्योहार भारतीय महीने और भारतीय तिथियों के अनुसार मनाए जाते हैं. लेकिन स्वतंत्र दिवस उन गिने-चुने त्योहारों में से एक है जो अंग्रेजी दिनांक के अनुसार मनाया जाता है. इसका प्रमुख कारण यह है कि यह त्योहार अधिक कुछ सालों पहले से ही आरंभ हुआ है और यह त्योहार भारतीय संस्कृति से नहीं बल्कि भारत देश से जुड़ा हुआ है.
भारत दुनिया की सबसे विशाल देशों में से एक है और यहां पर कई सारे त्यौहार मनाए जाते हैं. सभी त्यौहार अपने अपने धर्म के अनुशार मानते है लेकिन एक त्यौहार स्वतंत्रता दिवस है जो सभी धर्म बहुत गर्व और एकता से मानते है बिना भेद भाव किए अपने अजदी का ख़ुशी में इस त्यौहार को बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है और वैसे भी भारत सरकार इसको नैशनल हॉलिडे के रूप में अनाउन्स करी हुए है। इस दिन सभी निजी और सरकारी संस्थाए बंद होते है। याहा तक की लगभग – लगभग ८०% दुकान भी बंदे होते है और सभी बेसब्री से इस दिन का इंतज़ार करते है।
स्वतंत्रता दिवस भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्मेंयोहारों में से एक हैं. आज हम जानेंगे कि स्वतंत्र दिवस क्या है और स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?
स्वतंत्रता मतलब होता है आजादी और दिवस मतलब होता है दिन, यानी कि स्वतंत्र दिवस का मतलब है आजादी का दिन. चलिए फिर हम इसका इतिहास
15 अगस्त वो तारिक है जिस दिन भारत को पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी. स्वतंत्रता दिवस को अंग्रेजी में Independence Day कहा जाता हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस केवल भारत में ही मनाया जाता है तो शायद आपकी सोच गलत है. हर देश कभी ना कभी किसी कम्युनिटी का गुलाम रहा ही है और ऐसे में जिस दिन उन्हें आजादी मिली वह उसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.
यही वो दिन है जिस दिन, Jawaharlal Nehru जी ने, जो की बाद में भारत के सर्वप्रथम प्रधानमंत्री भी बने, उन्होंने भारत का राष्ट्रीय ध्वज लाल किले के Lahori Gate से फेरया था. इसके साथ उन्होंने पुरे देश वासिओं को संबोधन भी किया था. भारत में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश में देशभक्ति का माहौल रहता है क्योंकि यही वह दिन है जिस दिन हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी.
यह भारत के सबसे बड़े देश भक्ति दिवसों में से एक है. ब्रिटिश शासन काफी चतुर को अत्याचारी था और उन्होंने हम पर करीब 200 सालों तक अत्याचार किए. लेकिन आखिरकार कई कुर्बानियों के बदौलत हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिल ही गयी. आजादी का श्रेय उस हर व्यक्ति को जाता है जो देश के लिए अपनी जान पर खेलकर लड़ा और हमे आजाद कराया.
स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरे देश में कई जगह अलग-अलग कार्यक्रम होते हैं. जितना उत्साह लोगों को दिवाली का रहता है उतना ही उत्साह स्वतंत्र दिवस का भी रहता है. यह वह दिन है जिस दिन भारत का हर नागरिक अपने भारतीय होने पर गर्व करता है.
हम 15 अगस्त क्यों मानते हैं?
कुछ देशों को छोड़कर दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है जो कभी किसी कम्युनिटी का गुलाम नहीं रहा हो. हर देश में गुलामी की मार सहा है और कुछ देश तो आज भी अप्रत्यक्ष तरीके से इस मार को सह रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं कि ब्रिटिश एक कूटनीतिज्ञ देश था और इस वजह से वह कई देशों पर शासन करने में और उन्हें बुरी तरह से लूटने में सफल रहा.
दरअसल ईस्ट इंडिया कंपनी काफी समय से भारत में व्यापार करने की सोच रही थी लेकिन भारत में दुनिया की सबसे ताकतवर सल्तनत में से एक मुगल सल्तनत स्थापित थी.
मुगल सल्तनत की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उस समय मुगल सल्तनत ही इतनी आगे थी जितना की आज अमेरिका हैं. कहा जाता है कि मुगल सल्तनत के हाथ में दुनिया की एक चौथाई से भी अधिक ताकत थी चाहे वह सैनिक बल में ही या आर्थिक स्थिति में.
जंग-ए-चाइल्ड में जब केवल 309 सैनिकों की मदद से अंग्रेजो ने बादशाह औरंगजेब से टक्कर देने की सोची तो उन्हें दुम दबा के भागना पड़ा क्योंकि औरंगजेब का केवल एक वफादार 40 हजार सैनिक लेकर उन्हें सबक सिखाने पहुच गया. कहा जाता हैं की औरंगजेब की सेना में करीब 9 से 10 लाख सैनिक थे.
लेकिन धीरे-धीरे मुगल सल्तनत कमजोर होती गई और एक समय ऐसा आया जब केवल कुछ पैसों के लालच चक्कर में अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने की अनुमति दे दी. अंग्रेजों ने भारत में व्यापार करना शुरू कर दिया लेकिन यहां के लोगों के सरल व्यवहार को देखकर सोचा कि इन्हें लूटना बेहद ही आसान है और उन्होंने इसके लिए अपनी कूटनीति अपनाना शुरू कर दिया.
शुरुआत में अंग्रेजों ने जहांगीर को भड़का कर पुर्तगालियों को रास्ते से हटाना शुरू कर दिया जो की उनसे भी पहले भारत में व्यापारिक दृष्टि से आ चुके थे.
करीब 1615 से 1618 के बीच में अंग्रेज अधिकारी थॉमस रो ने मुगल शासक जहांगीर से व्यापार के लिए विशेष अधिकार प्राप्त कर लिया और जगह-जगह अपने कारखाने लगाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे कंपनी का वर्चस्व बढ़ता गया और उन्होंने अपनी कूटनीति से भारत में अपना शासन स्थापित करना शुरू कर दिया.
ब्रिटिश शासन केवल अपना ही फायदा देखता था और इसके चलते उन्होंने भारतीयों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया. उनके बढ़ते हुए अत्याचारों के कारण साल 1857 में उनके खिलाफ एक क्रांति हुई लेकिन वह असफल हुई. लेकिन आखिरकार करीब 90 सालो बाद क्रांतिकारियों की कुर्बानी के बदौलत हमें अत्याचारी ब्रिटिश शासन से आजादी मिल ही गयी.
अंग्रेजो से हमे पूर्ण रूप से आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी और तब से लेकर अब तक हम इस दिन की स्वतंत्रता दिवस के नाम से जानते हैं. इसी वजह से हम 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं.
स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता हैं?
वैसे तो भारत में मनाए जाने वाले अधिकतर त्योहार भारतीय तिथियों के अनुसार मनाए जाते हैं और भारतीय संस्कृति को बनाए रखने के लिए यह काफी अच्छी बात भी हैं.
भारत को जब अंग्रेजी से आजादी मिली तब तक अंग्रेजी कैलेंडर काफी प्रचलन में आ चुका था और अब के समय के अधिकतर त्यौहार भी अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ही मनाए जाते हैं. 15 अगस्त के दिन भारत को आजादी मिलने की वजह से स्वतंत्र दिवस को हम 15 अगस्त को मनाते हैं.
भारत कब स्वंतंत्र हुआ था ?
भारत 15 अगस्त 1947 पूर्ण रूप से ब्रिटिश लोगों के चंगुल से आजाद हुआ था.
15 अगस्त का महत्व
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां पर कई तरह के लोग रहते हैं. भारत के दक्षिण में अलग तरह के लोग रहते हैं और उत्तर में अलग तरह के लोग रहते हैं. विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न मान्यताएं और संस्कृति के चलते विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं. कई सारे त्यौहार ऐसे भी हैं जिन्हें पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन किसी त्योहार की मान्यता कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम होती है लेकिन स्वतंत्रता दिवस सभी जगह समान रूप से मनाया जाता हैं.
स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरे देश भर के स्कूलों कॉलेजों आदि में बड़े व छोटे स्तर पर कार्यक्रम होते हैं. इस दिन हमारे स्वतंत्रता संग्रामीयो को याद किया जाता हैं.
सभी लोग अपने अपने स्तर पर स्वतंत्रता दिवस को अपने तरीके से मनाते हैं. स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर भारतीय ध्वज तिरंगे को फहराते हैं और हजारी लाखो लोगो के सामने अपनी देशभक्ति प्रकट करते हैं.
15 अगस्त कैसे मनाया जाता हैं?
हर त्यौहार की तरह स्वतंत्र दिवस भी सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं. जो लोग स्कूल और कॉलेज या फिर किसी अन्य संस्थान के किसी भी प्रोग्राम को अटेंड नहीं कर पाते वह भी सोशल मीडिया के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के क्रांतिकारियों को याद करके और स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा कॉन्टेंट देखकर अपना फर्ज निभाते हैं.
अगर स्कूल में कॉलेजों की बात करें तो इन जगहों पर विभिन्न स्तर पर स्वतंत्र दिवस को मनाया जाता है. इस दिन स्कूलों व कॉलेजो में देशभक्ति गीतों पर नृत्य, देश से जुड़े हुए भाषण व देशभक्ति से परिपूर्ण नाटकों का आयोजन किया जाता हैं.
यह विद्यार्थियों के हृदय में तो देश के प्रति सम्मान पैदा करता ही है और साथ में वहा पधारे अन्य लोगो में भी अपने देशभक्ति की भावना को जगाता हैं. इन कार्यक्रमो के बाद अधिकतर स्थानों पर लड्डू भी बाते जाते हैं जो अब एक प्रथा सी बन गयी हैं.
15 अगस्त भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है।
इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं।
भारत की आज़ादी से जुड़ी दिलचस्प बातें.
- महात्मा गांधी आज़ादी के दिन दिल्ली से हज़ारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर थे
- जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आज़ाद होगा तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को ख़त भेजा. इस ख़त में लिखा था, “15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा. आप राष्ट्रपिता हैं. इसमें शामिल हो अपना आशीर्वाद दें.”
- गांधी ने इस ख़त का जवाब भिजवाया, “जब कलकत्ते में हिंदु-मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं. मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा.”
- जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से दिया था. तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे. इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन नौ बजे सोने चले गए थे.
- 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने दफ़्तर में काम किया. दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डेन में एक सभा को संबोधित किया.
- हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं. लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था. लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था.
- भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के मुताबिक़ मित्र देश की सेना के सामने जापान के समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी, इसी दिन भारत को आज़ाद करने का फ़ैसला हुआ.
- 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था. इसका फ़ैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ.
- भारत 15 अगस्त को आज़ाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था. रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया.
- 15 अगस्त भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है. दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ. ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त, 1971 को और फ्रांस से कांगो 15 अगस्त, 1960 को आज़ाद हुआ.
प्रस्तावना
स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, भारत के नागरिकों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह वह दिन है जो हमे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमारे अंदर देशभक्ति की भावना के साथ देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना को भी उत्तेजित करता है।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान
भारत दशकों से ब्रिटिश शासन के अधीन था। उस दौरान अंग्रेजों के अत्याचार समय के साथ बढ़ते चले जा रहे थे। बाल गंगाधर तिलक, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मी बाई और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में, भारत के नागरिको ने एकजुट होकर अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया। स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व द्वारा बहुत से आंदोलनों, स्वतंत्रता संग्रामों की शुरुआत की गई। इन आंदोलनों के कारण कई लोगों को अपने प्राणों की आहुती देनी पड़ी तो कईयों को जेल जाना पड़ा, हालांकि, फिर भी लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने की अपनी इस भावना को नहीं छोड़ा। स्वतंत्रता दिवस पर यह हमें उनके उन बलिदानों की याद दिलाता है और हमारे देश के नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है।
आजादी का जश्न मनाएं पर सादगी के साथ
स्वतंत्रता दिवस को हमारे आजादी के जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन के रुप में मनाया जाता है। भारत के नागरिक तथा स्वतंत्रता सेनानियों ने इस दिन हमारे देश को अंग्रेजो के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए कड़ी मेहनत की थी।
इसलिए यह दिन हमें हमारी सादगी और वास्तविकता के करीब होने के महत्व की भी याद दिलाता है। यह हमे ऊंचे उड़ान भरने और स्वतंत्र महसूस करने के बावजूद भी बुनियादी रहने के लिए प्रेरित करता हैं।
ध्वजारोहण
भारतीय ध्वज, तिरंगा फहराने के दौरान सभी लोग खड़े हो जाते है और राष्ट्रीय गान, जन, गण, मन प्रारम्भ हो जाता हैं। झंडा फहराने के साथ उत्सव की शुरुआत की जाती है।
भाषण
अगली पंक्ति में आमतौर पर मुख्य अतिथि या आयोजन समिति के कुछ सदस्यों द्वारा भाषण दिया जाता है। आमतौर से स्कूल, कॉलेजों में प्रिंसिपल द्वारा भाषण द्वारा दिया जाता है। यह भाषण ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता और औपनिवेशिक भारत में रहने वाले लोगों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में दिया जाता है।
कविता और गीत गान
इस कार्यक्रम में लोगों द्वारा कविता और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया जाता है और उन महान आत्माओं को याद किया जाता हैं। जिन्होंने निःस्वार्थ रूप से अपने जीवन का त्याग कर दिया, ताकि उनके देश के नागरिक स्वतंत्र रुप से रह सकें।
प्रतियोगिताएं
इस दिन बहस और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और लोग इनमें सक्रिय रूप से भाग भी लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं का विषय स्वतंत्रता दिवस पर ही आधारित होता है। यह प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों को भी देशभक्ति की भावना के करीब लाता है।
सांस्कृतिक गतिविधियां
स्वतंत्रता दिवस का आनंद लेने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां जैसे नृत्य और गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं। प्रतिभागी आमतौर पर विभिन्न राज्यों के नृत्यों से मेल खाते रंगीन कपड़े पहनकर उसका प्रदर्शन करते हैं। पूरा प्रसंग इन गतिविधियों के दौरान मौज़-मस्ती के वातावरण से भरा जाता हैं।
मिठाईयों का वितरण
स्वतंत्रता दिवस पर मिठाई के वितरण की परंपरा काफी पुरानी है। हालांकि, पहले के समय में इस दिन लड्डू वितरित किए जाते थे, परन्तु आज-कल लोगों के बीच विभिन्न प्रकार की मिठाईयों का वितरण किया जाता है। इन दिनों बाजार में सुंदर और स्वादिष्ट तिरंगे के रंग की मिठाइयां उपलब्ध होती हैं। ये आयोजन का जश्न मनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर वितरित किए जाते हैं।
निष्कर्ष
इस दिन लोगों को ज्यादातर केसरिया, सफेद या हरे रंग या इन तीनो रंग के मेल से बने कपड़े पहने देखा जाता है। इस दिन तिरंगे के बैच, बालों के बैंड और कलाई बैंड पहनना अधिक आम होता है। इसके साथ ही इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से भरा हुआ होता है।