April Fool’s Day 2021 : अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है।
जैसा कि हमलोग जानते है कि April Fool’s Day: अप्रैल की पहली तारीख यानी 1st April को ‘अप्रैल फूल डे’ (April Fool’s Day) मनाया जाता है।
इस दिन लोग अपने दोस्तों और घर वालों को बेवकूफ यानी मूर्ख बनाकर खुश होते हैं यानी अप्रैल फूल डे मनाते हैं. ऐसे मजाकों का लोग बुरा नहीं मानते हैं बल्कि हंसाते ओर आनंद लेते है।
अप्रैल फूल डे को लेकर आज तक कोई ठोस वजह सामने नहीं आई. लेकिन इस दिन को लेकर कुछ मजेदार किस्से और कहानियां हैं. चलिए जानते है उन फनी किस्सों के बारे में जो दुनियाभर में 1 अप्रैल के दिन मूर्ख दिवस मनाया जाता है कभी कभी इसे ऑल फूल डे भी कहा जाता हैं। इस दिन लोग एक दूसरे से हंसी मजाक करते हैं. मूर्ख बनाते यानी उल्लू बनाते हैं और कोई भी इन मजाकों का बुरा नहीं मानता है।
1381 में शुरुआत
अप्रैल फूल डे को लेकर इंग्लैंड के किंग रिचर्ड द्वितीय का एक मजेदार किस्सा प्रचलित है. कहा जाता है कि रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने ऐलान करते हुए कहा कि वे 32 मार्च 1381 के दिन सगाई करने वाले हैं. ये खबर सुनकर लोग बेहद खुश हुए. जश्न मनाया और इस दिन के लिए तमाम तैयारियां करने लगे. लेकिन जब 31 मार्च आया तो उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है, क्योंकि 32 मार्च तो कभी आएगा ही नहीं. तभी से 31 मार्च के अगले दिन यानी 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा.
2 बार नया साल मानना एक कैलेंडर ईयर में
मध्य काल में यूरोपीय शहरों में न्यू ईयर्स डे 25 मार्च को मनाया जाता था। फ्रांस के कुछ हिस्सों में न्यू ईयर्स सप्ताह भर चलने वाली छुट्टी थी जो 1 अप्रैल को ख़त्म होती थी।इसीलिए यह संभव है कि अप्रैल फूल्स की शुरुआत इसीलिए हुई कि जिन लोगों ने 1 जनवरी को नया साल मना लिया था उन लोगों ने दूसरी तिथियों को सेम ईयर में नया साल मनाने का मज़ाक उड़ाया गया था। क्योंकि 1 कैलेंडर ईयर में 2 बार नव वर्ष दिवस कैसे हो सकता हैं।
ग्रेगोरियन कैलेंडर का किस्सा
गधों के स्नान की कहानी
सन 1860 का भी एक किस्सा फ़ेमस है. कहा जाता है कि लंदन में एक बार लोगों के पास डाक से पोस्ट कार्ड के जरिए सूचना पहुंची कि 1 अप्रैल की शाम टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों के स्नान का कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम को देखने के लिए आप लोग आमंत्रित हैं. कृपया अपने साथ इस पोस्ट कार्ड को भी जरूर लेकर आएं. उस समय टॉवर ऑफ लंदन में आम लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. इसके बाद 1 अप्रैल की शाम को टॉवर ऑफ लंदन के पास हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई. प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की होने लगी. तब लोगों को पता चला कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है. इसके बाद वे घर के लिए लौट गए. तब से 1 अप्रैल के दिन मूर्ख बनाने का चलन शुरू हो गया.
कुछ देशों में दोपहर तक मूर्ख दिवस मनाया जाता हैं।
पारम्परिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूज़ीलैण्ड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस प्रकार के परिहास केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं और यदि कोई दोपहर के बाद इस तरह करने का प्रयत्न करता है तो उसे “अप्रैल फ़ूल” कहा जाता है। ऐसा इसीलिये किया जाता है क्योंकि ब्रिटेन के समाचारपत्र जो अप्रैल फ़ूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं वे ऐसा केवल पहले (सुबह के) के लिए ही ज़िक्र करते हैं।
कुछ देशों में मूर्ख दिवस पूरे दिन मनाया जाता हाँ
फ़्रांस, आयरलैण्ड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, नीदरलैण्ड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर चलता रहता है।
शॉर्ट डिटेल – मूर्ख दिवश का सरांस
अन्य नाम | आल फूल्स दिवस | |
अनुयायी | पश्चिमी देश | |
प्रकार | गैर धार्मिक संस्कृति | |
उद्देश्य | व्यावहारिक मजाक | |
अनुष्ठान | हास्य | |
तिथि | 1 अप्रैल |
तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ स्पेशल विशेज, जोक्स जिन्हें आप व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं:
अरे, इतनी देर से सूचित करने के लिए क्षमा करें. 1 अप्रैल को मेरी शादी हो रही है. आप सभी आमंत्रित हैं. Happy April Fools Day.