World Environment Day 2021: विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को, जानें इस साल की थीम और महत्व
Image taken from WHO (World heath Origination) Official Website.
World Environment Day 2021: विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को हर साल मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना है।
परिचय : पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। वहीं ‘आवरण’ का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है, और ये सभी चीजें यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है।
World Environment Day 2021: विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को हर साल मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना है।
प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। हमारे लिए पेड़-पौधे, जंगल, नदियां, झीलें, जमीन, पहाड़ बहुत जरूरी हैं। इस दिवस को मनाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गया। इसके बाद 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है। इसलिए पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण की बहाली का संकल्प लेना चाहिए। संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। प्रकृति को बचाने के लिए हम सब को मिलकर कुछ संकल्प लेना होगा। जिसमें वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बचाएं तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें।
तालाब, नदी, पोखर को प्रदूषित नही करें, जल का दुरुपयोग नहीं करें तथा इस्तेमाल के बाद बंद करें। बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करें, इस्तेमाल के बाद बल्ब, पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखें। कूड़ा-कचरा को डस्टबीन में फेकें और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें, इससे प्रदूषण नहीं होगा। प्लास्टिक / पॉलिथिन का उपयोग बंद करें, उसके बदले कागज के बने झोले या थैले का उपयोग करें। पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखें, नजदीकी कामों के लिए साइकिल या इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करें।
वनस्पति पौधे लगाने का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस पर पीपल, अपराजिता, हल्दी सहित अन्य पौधे लगाना चाहिए जो हर समय लोगों के काम आ सके। आम, नीबू व अमरूद जैसे फलदार पौधों का रोपण करना चाहिए। सार्वजनिक स्थान जैसे की मंदिर, धर्मशाला एत्यादि पर पौधों का रोपण करना चाहिए।
मानव और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थय पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी-बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छाता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में और अभी भी मानव को प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। गाव के अपेक्षा बड़े सहर में औक्सीजन लेबल बहुत कम है.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
पर्यावरण और प्रकृति : पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।
सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि अन्योन्याश्रित है। मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता के अनुसार है।
उपसंहार : पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या और बड़ी-बड़ी इमारतों के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है।
हर जगह-जगह घने वृक्ष काट कर बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण करना पर्यावरण और प्रकृति के साथ छेडछाड़ हैं। इतना ही नहीं जहां वाहनों का धुआं, मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल आदि की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। जिसके कारण हमें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। अत: आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता को जागरूक करने की।
विश्व पर्यावरण दिवस महत्व
पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है।
ऐसे पर्यावरण के मुद्दे जो इस विश्व को प्रभावित करते है जैसे -पेड़ों की अंधाधुन्ध कटाई ,बड़े स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि ,भोजन का बर्बाद होना जो बहुत नुकसानदायक होते है ,बड़े बड़े जंगलों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग की समस्या और तत्कालीन पर्यावरण की समस्याओ को सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्वपूर्ण काम जो लोगो को जागरूक बनाना पर्यावरण के बारे में ,लोग यह जाने की पर्यावरण अगर मुश्किल में हो तो आम लोग कितने प्रभावित हो सकते है ,आमलोगों को जागरूक बनाके ही इस दुनिया को सुरक्षित कर सकते है।
इस दुनिया में सभी लोगो को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरुरत होती है क्योकि कोई भी संस्था सभी जिम्मेदारी नहीं निभा सकती है।
हर साल नया लक्ष्य तय किया जाता इस दुनिया लिए और उसे पूरा करने के लिए हर देश दृढ होता है और इस कार्य को पूरा करने के सरकार हर जरूरी कदम उठती है और इसमें हम आप लोगो की भी जिम्मेदारी होती है की साथ निभाए।
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 का थीम : “पारिस्थितिक तंत्र बहाली (“Ecosystem Restoration”) विश्व पर्यावरण दिवस पर जरूर ले संकल्प
1. साल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं
2. तालाब, नदी, पोखर को प्रदूषित ना करें, जल का सदुपयोग करे
3. बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करें
4. कूड़ा-कचरा कूड़ेदान में फेकें , और अपने आस पास के लोगो को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करे।
5. प्लास्टिक / पॉलिथिन का उपयोग बंद करें।
6. पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखें।
7. किसी भी तरह के प्रदुषण को कम करने के लिए सबको प्रेरित करे।
Last but not least : खुले में सौच कभी ना करे, स्वकक्ष सौचालय का उपयोग करे।
पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है “चारो ओर से घेरे हुए” । पर्यावरण और हमारे जीवन का एक अटूट सम्बन्ध है । पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए यह विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। पर्यावरण के दो अंग (Component) है –
जैविक (Biotic) और अजैविक (Abiotic).
Biotic + Abiotic = Environment
जैविक (Biotic) के उदाहरण – मानव , पेड़ पौधे , जानवर , आदि
अजैविक (Abiotic) के उदाहरण – पानी , ज़मीन , हवा , आदि
विश्व पर्यावरण दिवस पर कथन
विश्व पर्यावरण दिवस पर कुछ प्रसिद्ध कथन (प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा दिये गये) यहाँ दिया गये हैं:
“पर्यावरण सब कुछ है जो मैं नहीं हूँ।”- अल्बर्ट आइंस्टाईन
“इन पेड़ों के लिये भगवान ध्यान देता है, इन्हें सूखे, बीमारी, हिम्स्खलन और एक हजार तूफानों और बाढ़ से बचाता है। लेकिन वो इन्हें बेवकूफों से नहीं बचा सकता।”- जॉन मुइर
“भगवान का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकता, नहीं तो पृथ्वी के साथ ही आकाश को भी बरबाद कर देता।”- हेनरी डेविड थोरियु
“कभी शंका मत करो कि विचारशील का एक छोटा समूह, समर्पित नागरिक दुनिया को बदल सकता है; वास्तव में, ये एकमात्र चीज है जो हमेशा पास है।”- मार्गरेट मीड
“हमारे पास एक समाज नहीं होगा अगर हम पर्यावरण का नाश करेंगे।”- मार्गरेट मीड “ये भयावह है कि पर्यावरण को बचाने के लिये हमें अपने सरकार से लड़ना पड़े।”- अंसेल एड्म्स
“मैं सोचता हूँ पर्यावरण को राष्ट्रीय सुरक्षा की श्रेणी में रखना चाहिये। अपने संसाधनों की रक्षा करना सीमा की सुरक्षा के समान ही जरुरी है। अन्यथा वहाँ क्या है रक्षा करने को?”- राबर्ट रेडफोर्ट
“अच्छे जल और हवा में एक प्रवाह लें; और प्रकृति के जीवंत युवा में आप इसे खुद से नया कर सकते हैं। शांति से जायें, अकेले; तुम्हारा कोई नुकसान नहीं होगा।”- जॉन मुइर
“पक्षी पर्यावरण की संकेतक होती है। अगर वो परेशानी में है, हम जानते हैं कि हमलोग जल्दी ही परेशानी में होंगे।”- रोजर टोरी पीटर्सन
“कीचड़ से साफ पानी में प्रदूषण करने के द्वारा आप कभी भी पीने को अच्छा पानी नहीं पायेंगे।”- एशीलस
“अगर हम पृथ्वी को सुंदरता और खुशी पैदा करने की अनुमति नहीं देते, अंत में ये भोजन पैदा नहीं करेगा, दोनों में से एक।”- जोसेफ वुड क्रच
“वो दावा करते हैं ये हमारी माँ का, धरती, उनके अपने प्रयोग के लिये, और उससे उनके पड़ोसियों को दूर रखो, अपने बिल्डिंगों और अपने कूड़े से बिगाड़ों उसे।”- सिटींग बुल
“मनुष्य और भूमि के बीच सौहार्द की एक स्थिति संरक्षण है।”- एलडो लियोपोल्ड
“आखिरकार, निरंतरता का अर्थ वैश्विक पर्यावरण का चलते रहना है- पृथ्वी निगमित- एक कार्पोरेशन की तरह: घिसावट के साथ, ऋणमुक्ति और रख-रखाव खाता। दूसरे शब्दों में, समस्त संपत्ति को रखना, बजाय इसके कि आपकी प्राकृतिक पूँजी को खोखला कर दें।” – मॉरिस स्ट्राँग
“भूमि के साथ सौहार्द एक दोस्त के सौहार्द जैसा है; आप उसके दायें हाथ को प्यार करें और बांये हाथ को काट नहीं सकते।”- एल्डो लियोपोल्ड
“आप मर सकते हैं लेकिन कार्बन नहीं; इसका जीवन आपके साथ नहीं मरेगा। ये वापस जमीन में चला जायेगा, और और वहाँ एक पौधा उसे दुबारा से उसी समय में ले सकता है, पौधे और जानवरों के जीवन के एक चक्र पर एक बार उसे दुबारा से भेजें।”- जैकब ब्रोनोस्की
“लोग अपने पर्यावरण को दोषी ठहराते हैं। इसमें केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराना है- और केवल एक- वो खुद।”-रॉबर्ट कॉलियर
“मैं प्रकृति, जानवरों में, पक्षियों में और पर्यावरण में ईशवर को प्राप्त कर सकता हूँ, पैट बकले “हमें जरुर प्रकृति को लौटाना चाहिये और प्रकृति का ईश्वर।”- लूथर बरबैंक
“आगे बढ़ने का एक ही रास्ता है, अगर हम अवश्य पर्यावरण की गुणवत्ता को सुधार दें, सभी को शामिल होने के लिये है।”- रिचर्ड्स रोजरर्स
“हमारे पर्यावरण के लिये एक सच्ची वचनबद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा। संतुलन में एक ग्रह को हमारे बच्चों के लिये छोड़ने की शुद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा।”- पॉल सोंगास
“पर्यावरण निम्निकरण, अधिक जनसंखया, शरणार्थी, मादक पदार्थ, आतंकवाद, विश्व अपराध आंदोलन और प्रायोजित अपराध पूरे विश्व की समस्या है जो राष्ट्र की सीमा पर नहीं रुकता है।”- वारेन क्रिस्टोफर
“मैं सोचता हूँ कि सरकार को अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं में पर्यावरण को सबसे ऊपर की ओर खिसकाना चाहिये।”- ब्रॉयन मुलरोनी
“सार्वजनिक जीवन में अब मजबूती से अंत:स्थापित है पर्यावरण चिंता: शिक्षा में, मेडिसीन और कानून; पत्रकारिता में, साहित्य और कला में।” – बैरी कमोनर
“पृथ्वी दिवस 1970 अखंडनीय सबूत है कि अमेरिकन लोग पर्यावरण के डर को समझते हैं और इसको सुलझाने के लिये कार्यवाही करना चाहते हैं।”- बैरी कमोनर
“सरकार को स्वच्छ पर्यावरण के लिये एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये ना कि शासनादेश कैसे ये लक्ष्य लागू करना चाहिये।”- डिक्सी ली रे “क्यों ऐसा प्रतीत होता है कि केवल एक ही तरीका है पर्यावरण को सुधारने का और वो है सरकार का कड़ा नियमन?”- गेल नॉरटन
“एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दा है जिसका कभी कभार ही जिक्र होता है, और जो कि हमारी संस्कृति में एक संरक्षण संस्कृति की कमी है।” – गेलार्ड नेल्सन
“पृथ्वी हर मनुष्य की जरुरत को पूरा करता है, लेकिन हर व्यक्ति के लालच को नहीं।”- महात्मा गाँधी
“विश्व के जंगलों से हम क्या रहें हैं केवल एक शीशे का प्रतिबिंब है जो हम अपने और एक-दूसरे के साथ कर रहें हैं।”- महात्मा गाँधी